तुर्की और सीरिया में भूकंप ने हजारों लोगों के जीवन को तहस-नहस कर दिया है। इस आपदा में मरने वालों की संख्या 15 हजार से ज्यादा पहुंच चुकी है। कई परिवार ऐसे हैं, जो पूरी तरह तबाह हो गए और उनका कोई नामोनिशान नहीं बचा है, वहीं कई ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां पूरे परिवार में केवल एक ही व्यक्ति जिंदा बचा। सीरिया के सराकिब शहर के अहमद इदरीस की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। अल जज़ीरा ने इदरीस की पूरी कहानी को कवर किया है।
इस भूकंप ने इदरीस का सब कुछ छीन लिया है। उनके परिवार के 25 लोगों की मौत इस भूकंप में हुई है। ये 25 शव एक शेल्टर होम के कमरे में रखे हुए हैं। इदरीस कभी एक शव के पास जाते हैं और कभी दूसरे शव के पास। इस तरह वह सभी 25 शवों के पास बारी-बारी से जा रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि वह किस शव के गले लगाकर रोएं। सभी तो उनके परिवार के हैं।
एक कहावत है कि इंसान सबसे भाग सकता है लेकिन मौत से नहीं। जिस पल मौत लिखी होगी, उस पल होना निश्चित है। फिर चाहें आप कितनी भी दूर भाग जाएं। ये कहावत कितनी सही है और कितनी गलत, इस पर तो कोई दावा नहीं किया जा सकता लेकिन इदरीस के साथ सच में ऐसा ही हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की गवाह हैं, जिसमें इदरीस खुद बताते हैं कि वह सीरिया में चल रहे युद्ध से बचते हुए सराकिब शहर में आ गए थे, जिससे उनके बच्चे सुरक्षित रह सकें। लेकिन उन्हें क्या पता था कि वह युद्ध से तो बच गए लेकिन भूकंप उनके परिवार के लिए मौत की वजह बनकर खड़ा है।
इदरीस की कहानी इतनी दर्दभरी है, जिसे सुनकर कोई भी भावुक हो जाएगा। एक तरफ इदरीस के पोते का शव पड़ा हुआ है, दूसरी तरफ इदरीस की बेटी और बेटे के शव पड़े हैं। दामाद समेत इदरीस के परिवार के अहम सदस्य अब सिर्फ शव के रूप में उनके सामने हैं।
बता दें कि तुर्की और सीरिया में सोमवार को शक्तिशाली भूकंप आया था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 थी। इस भूकंप की वजह से खबर लिखे जाने तक 15 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।